टांसिल का घरेलू इलाज

टांसिल एक गले की बीमारी है जो गले के नीचे के तलवे वाले भाग में दो गांठों के फूलने से होती है। यह गांठें जब सूज जाती हैं तो खाना खाने और पानी पीने में काफी दिक्कत होती है। यह समस्या मुख्यतः आयोडीन की कमी के कारण होती है। टांसिल के कारण रोगी को घबराहट, दर्द, बोलने में परेशानी, और सही से खाना न खा पाने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि, आयुर्वेद में टांसिल के इलाज के लिए कई प्रभावी और सरल तरीके मौजूद हैं। आइए जानते हैं टांसिल का घरेलू इलाज के बारे में:

टांसिल का उपचार करने के आयुर्वेदिक तरीके:

  1. लहसुन के गरारे: गरम पानी में लहसुन को बारीक पीसकर मिला लें और इस पानी से कुछ दिनों तक लगातार गरारे करें। इससे टांसिल की बीमारी ठीक हो जाएगी।
  2. गाजर का रस: नियमित रूप से गाजर का रस पीने से गले का दर्द और टांसिल खत्म हो जाते हैं।
  3. फिटकरी और नमक: गरम पानी में फिटकरी और नमक डालकर गरारे करें। इससे टांसिल ठीक हो जाते हैं।
  4. चाय की पत्तियों का गरारा: पानी में चाय की पत्तियों को उबालकर उसका गरारे करने से भी टांसिल का रोग ठीक हो जाता है।
  5. नमक के गरारे: गले में दर्द, सूजन और टांसिल को दूर करने के लिए गरम पानी में नमक डालकर गरारे करें।
  6. अनानास का सेवन: अनानास के सेवन करने से थोड़े ही दिनों में टांसिल खत्म हो जाते हैं।
  7. सिंघाड़ा: सिंघाड़े में आयोडीन की प्रचुर मात्रा होती है। नियमित रूप से सिंघाड़ा खाने से गले को लाभ मिलता है और टांसिल से मुक्ति मिलती है।
  8. गन्ने का जूस और हरड़: गन्ने के जूस के साथ हरड़ का चूर्ण लेकर पीने से गला दर्द और टांसिल जल्दी ठीक हो जाते हैं।

टांसिल की समस्या को आयुर्वेदिक और घरेलू उपायों से ठीक किया जा सकता है। ये उपाय सरल और सुरक्षित हैं, और इन्हें आसानी से घर पर ही अपनाया जा सकता है। टांसिल के इलाज के लिए प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपायों का उपयोग करें और स्वस्थ जीवन जिएं।

Dr. (Vaid) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
Kankhal Hardwar
aapdeepak.hdr@gmail.com
9897902760

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