हकलाना या अटक-अटक कर बोलना एक सामान्य समस्या है जिसमें व्यक्ति की वाक् शक्ति में गड़बड़ी होती है। यह समस्या उस समय होती है जब व्यक्ति बोलते समय रुक जाता है, शब्दों को दोहराता है या लम्बा करके बोलता है। आयुर्वेद में इस समस्या का उपचार करने के लिए कुछ प्राकृतिक उपाय हैं जो निम्नलिखित हैं:
1. बादाम और काली मिर्च का रस: हकलाहट को दूर करने के लिए प्रातःकाल एक गिलास गर्म दूध के साथ 10 बादाम, 10 काली मिर्च, और थोड़ी सी मिश्री का रस लें। यह प्रयोग कम से कम दस दिन करें।
2. गाय का घी: गाय का घी हकलाहट को दूर करने के लिए एक उत्तम उपचार माना जाता है। दिन में 3-6 ग्राम घी में मिश्री मिलाकर सुबह-शाम चाटें और ऊपर से गाय का दूध पिएं। लगातार कुछ महीनों तक इसका सेवन करने से हकलाना बंद हो जाता है।
3. आंवला: बच्चों को प्रतिदिन एक ताजा आंवला चबाने के लिए दें। यह उनकी जीभ को पतला और आवाज को साफ करता है और हकलाना दूर हो जाता है।
4. बादाम का सेवन: रात को 10 बादाम पानी में भिगो दें, सुबह उनके छिलके उतार कर पीस लें, और उन्हें 30 ग्राम मक्खन के साथ सेवन करें। यह भी हकलाहट में लाभकारी होता है।
इन आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर आप हकलाहट से छुटकारा पा सकते हैं। यदि आपको इस समस्या से निजात पाने में समस्या आ रही है, तो वैद्य से संपर्क करें और सलाह लें।
Dr.(Vaid) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
Kankhal, Hardwar
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