सर्वाइकल स्पॉण्डिलाइटिस, जिसे आमतौर पर गरदन दर्द के नाम से जाना जाता है, एक सामान्य समस्या है जिसमें गरदन, कंधों और भुजाओं में दर्द, अकड़न, सिर में चक्कर आना और हाथों की पकड़ कमजोर होना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। आयुर्वेद में इसके लिए कई प्रभावी उपाय मौजूद हैं, जो न केवल दर्द से राहत देते हैं बल्कि समस्या की जड़ से इलाज करते हैं।
आयुर्वेदिक उपाय
गरदन के आसपास दर्द का इलाज
- गर्म ईंट या पत्थर से सेकें:
- सबसे पहले, गरदन के आसपास के क्षेत्र में अँगूठे से दबा कर देखें जहाँ भी करंट जैसा दर्द हो।
- एक छोटी ईंट या पत्थर को गेस के ऊपर गर्म करें, फिर उस पर पानी का छींटा मारकर सूती कपड़े में लपेटकर वहाँ पर सेक करें।
- ध्यान दें कि ईंट या पत्थर का आकार हाथ की मुट्ठी से बड़ा न हो और यह एक तरफ से अँगूठे की तरह तीखा हो।
- इस प्रक्रिया के बाद, उस जगह पर एलोवेरा और हल्दी का लेप लगाएं। ऊपर से रूई लपेटकर 2-3 घंटे के लिए छोड़ दें। लेप गुनगुना होना चाहिए।
- अदरक वाली गर्म चाय:
- गरदन में तेज दर्द हो तो गर्म चाय में 1 चम्मच अदरक का पेस्ट डालकर पिएं। इससे तुरंत राहत मिलती है।
- बर्फ की सिल्ली और गर्म पानी से सेकना:
- अगर दर्द किसी चोट के कारण हो रहा हो तो पहले बर्फ की सिल्ली से 3 से 4 मिनट तक सेंकें।
- उसके बाद, गर्म पानी में किसी कपड़े को भिंगो कर पुनः उस दर्द वाले भाग को सेंकें।
- इस प्रक्रिया को लगातार आधे घंटे तक करें और दिन में दो से तीन बार दोहराएं।
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अगर आप सर्वाइकल स्पॉण्डिलाइटिस या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं:
Dr. (Vaid) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
Kankhal Hardwar
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आयुर्वेद में विश्वास करें और प्राकृतिक उपचारों से अपने स्वास्थ्य को सुधारें। सही उपायों और निरंतरता से आप सर्वाइकल स्पॉण्डिलाइटिस से राहत पा सकते हैं और अपनी दिनचर्या को बेहतर बना सकते हैं।